Read the review published at Grihshobha about the Devdas play produced by AGP World.
बड़े-बड़े आलीशान कलात्मक सेट, रौशनी से नहाता हुआ पूरा परिदृश्य, खूबसूरत कौस्टयूम, ग्रामीण भारत में भव्य हवेली और कलाकारों के उम्दा अभिनय सब कुछ मिलाकर ये समझना मुश्किल हो रहा था कि ये एक रंगमंच है.
बड़े-बड़े आलीशान कलात्मक सेट, झूमर, रौशनी से नहाता हुआ पूरा परिदृश्य, खूबसूरत कौस्टयूम, ग्रामीण भारत में भव्य हवेली, डांस ग्रुप के द्वारा अदभुत डांस परफोर्मेंस और कलाकारों के उम्दा अभिनय सब कुछ मिलाकर ये समझना मुश्किल हो रहा था कि ये एक रंगमंच है, जहां बंगाल के सुप्रसिद्ध लेखक शरतचंद्र चट्टोपाध्याय द्वारा लिखित नाटक ‘देवदास’ का भव्य मंचन किया जा रहा है.
कुछ पल के लिए तो यह भूल जाना पड़ा कि यह एक प्रेम कहानी है, जिसकी छाप हर किसी के दिल में है और इसे सजीव देख रहे हैं. नाटक के क्षेत्र में ये पहली बार है कि इतनी प्रसिद्ध कहानी को कलाकारों ने रंगमंच के द्वारा कहने की कोशिश की है.
आश्विन गिडवानी और ए जी पी वर्ल्ड द्वारा इसका क्लासिक नाटकीय रूपान्तरण अदभुत है, जिन्होंने पूरे वैभव के साथ इसे मंच पर प्रस्तुत किया है. इसका नाटकीय रूप निर्देशक और पटकथा लेखक सैफ हैदर हसन ने बहुत ही खूब सूरत ढंग से किया है. संगीतमय इस नाटक में वेश्या चंद्रमुखी की भूमिका निभाने वाली भावना पानी, पारो की भूमिका में आंचल चौहान, चुन्नी बाबू की भूमिका में जौय सेनगुप्ता और देवदास की भूमिका में सुनील पलवल ने बहुत ही खूबसूरत अभिनय किया है.
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